कमल गुरनानी, रिपोर्टर
नई दिल्ली। यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट और राष्ट्रवादी शिवसेना ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा तथाकथित खालिस्तान के समर्थकों का खुला समर्थन करने और मनमर्जी करने देने के विरोध में आज दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर रोष प्रदर्शन किया तथा ट्रूडो की शव यात्रा निकाली। केनेडियाई दूतावास पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने के कारण जन्तर-मन्तर पर शव यात्रा निकाल कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री जय भगवान गोयल ने किया। इस अवसर पर राजधानी दिल्ली / एनसीआर के वरिष्ठ साधु संत एवं अनेक प्रबुद्ध हिन्दू नेता उपस्थित रहे।
श्री गोयल ने इस अवसर पर कहा कि ट्रूडो की शव यात्रा निकालने का कारण ट्रूडो में मानवता का मर जाना है। भारत के घोषित भगोड़े दूर दांत आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को कनाडा सरकार ने गोद में बैठा रखा है। इसके विपरीत भारत के गृहमंत्री श्री अमित शाह जैसे जमीन से जुड़े नेता पर झूठे मनगढ़ंत आरोप प्रधानमंत्री जस्टिन टुडो मात्र अपनी कुर्सी बचाने के लिए लगा रहे हैंद्य हिन्दू मंदिरों पर हमला करने और वहां उपस्थित हिन्दुओं पर लाठी-डंडों से खुलेआम हमला करने वालों को संरक्षण देकर ट्रूडो क्या दिखाना चाहते हैं ?
श्री गोयल ने कहा कि ‘खालिस्तान’ का कोई अस्तित्व नहीं, किसी देश ने मान्यता नहीं दी, ऐसे अस्तित्वहीन देश के झंडे के लिए हिन्दू युवकों की बुरी तरह पिटाई और दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के झंडे के प्रति मुट्ठीभर लोगों द्वारा निरादर करने वालों को खुली छूट देना ट्रूडो का मानसिक संतुलन बिगड़ जाना दर्शाता है।
श्री गोयल ने कनाडा को आतंकवादी देशों की सूचि में डालने की जोरदार मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान भी आतंकवादी समर्थक देश है कि लेकिन वहां चोरी-छुपे आतंक फैलाने वाले रहते हैं जबकि कनाडा में खुलेआम आतंकवादी न केवल घूमते हैं बल्कि वहां की सरकार के संरक्षण में गुण्डागर्दी व दादागिरी सरेआम करते हैं। भारत सरकार को कनाडा के विरूद्ध कड़े कदम त्वरित रूप से उठाने चाहिए।
श्री गोयल ने आगे कहा कि ’बंटोगे तो कटोगे’ यह एक नारा नहीं बल्कि हिन्दुओं के लिए मूलमंत्र है। बांग्लादेश और अब कनाडा में हिन्दुओं ने अपना हश्र देख लिया है। भारत में विपक्षी दल तुष्टिकरण का जो खेल खेलने में लगे हैं उससे देश भर के हिन्दुओं को सचेत हो जाने की जरूरत है। हिन्दू-सिख एक दूसरे के पूरक हैं, सिख गुरूओं ने हिन्दुओं की रक्षा के लिए इतने बड़े बलिदान दिए हैं। विश्वभर में हिन्दू-सिख परस्पर प्रेमपूर्वक रह रहे हैं लेकिन कुछ ताकतें निजी स्वार्थों की खातिर हिन्दू-सिखों को अलग अलग करने और हिन्दुओं को जाति- पात में बांटने में लगी हैं। उनका एजेंडा भारत को कमजोर करना है। सिखों को अलग कर देने और हिंदुओं को विभाजित कर देने से ऐसी ताकते भारत को कमजोर करने में सफल हो जाएगी।
इस अवसर पर सर्वश्री अवध कुमार, सांवर तायल, सुरेन्द्र मोहन गुप्ता, श्रीकांत यादव, विकास ठाकुर, सचिन, डॉ. के. के. पाल, विजय कुमार, अनुराग, देवेन्द्र, पूजा, मालती, ओमवती, सरिता, नीरज, सतीश मानक, रानी, ममता, रानी, सुरेश गुप्ता, अशोक चौहान आदि पदाधिकारी व कार्यकर्त्ता शामिल हुए।